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मीनू धनगर का इंटरनेशनल टीम में चयन
कासगंज (उत्तर प्रदेश ): मासूम चेहरा, चेहरे पर देश के लिए कुछ करने की ललक और कछ बनने की मुस्कान लिए एक छोटे से परिवार की विटिया ने अपने परिवार का ही नाम रोशन नहीं किया, बल्कि देश भर में कासगंज जनपद का नाम रोशन किया है। छोटी सी विटिया ने अमेरिकन फुटबॉल गेम में अच्छा प्रदर्शन कर राष्ट्रीय टीम मैं अपना नाम दर्ज कराने के बाद वह अब अमेरिका में पहली बार फुटबॉल खेलने की तैयारी में लगी हुई है। दरअसल वह देश और परिवार के लिए कुछ कर दिखाने ललक के साथ परिवार संग बैठी ये विटिया कोई और नहीं छोटे से शहर कासगंज की रहने वाली मीनू धनगर है। मीनू धनगर के पिता एक छोटे से वकील थे, जबकि मां गुडडी धनगर कासगंज नगरपालिका की वार्ड नंबर आठ की सभासद हैं। उनकी बेटी मीनू धनगर ने अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत अखिल भारतीय विधार्थी परिषद से की, और वह कम उम्र में ही प्रांत छात्रा प्रमुख बनकर छात्रहितो के लिए मैंदान मै उतरीए उनके इस योगदान के लिए जगह.जगह उनको फूल मालाओ से लादकर स्वागत हुआए और इसी तरह के सपने मन मै सजोकर देश के लिए कुछ करने की ललक उठी, इसी राजनीति से कुछ समय निकाल कर मीनू धनगर ने अमेरिकन फुटबॉल को दिया और कामयाबी के शिखर तक पहुंची।
मीनू धनगर ने भारत की ओर से खेलते हुए अमेरिकन फुटबॉल प्रतियोगिता में अफगानिस्तान को हराने में अपनी टीम में अहम भूमिका निभाई और भारत से विजेता कप हासिल किया। बाद में मीनू का चयन उत्तर प्रदेश से इंटरनेशनल टीम मैं चयन हुआए तो खुशी से उनका परिवार ही नहीं झूमा, बल्कि उन्होंने विजेता कप जीतकर कासगंज जनपद का मान बढाया, और खुशी हुई, एबीपीवी के कार्यकार्ताओं और भ्रष्टाचार मुक्ति पदाधिकारियों मीनू भन्नार के होगा, यह देखने उनके शुभचिंतकों ने मीनू धनगर को बधाई दी।
बेटों से कम नहीं होती बेटियां
मीनू धनगर ने वो मिशाल छोड़कर दिखाया है, वेटियां भी वेटो से कम नहीं हैए हम भारत की नारी है, अवला नहीं तूफन, अब देखना होगा मीनू धनगर का आगे का भविष्य कितना दिलचस्प होगा, यह देखने वाली बात होगी, कामयाबी के शिखर तक पहुंची मीनू धनगर ने एकाएक वेटियो के अभिभावक से । मांग करते हुए कहाकि वेटो की तरह वेटियों को खिलाये, पढाये और बढाये। जब अपनी कामयाबी से शिखर तक पहुंची मीन धनगर के परिवार से इन खशियों के पलो के बारे मै पूछा गया, तो उन्होंने बेहद । खुशी का इजहार किया।