नई दिल्ली : केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि शांति के संदेश का जश्न मनाने के लिए भारत से बेहतर विश्व में कोई जगह नहीं है। राजनाथ सिंह ने आज यहां राष्ट्रीय ईसाई महासंघ द्वारा आयोजित शांति उत्सव कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत शांति की भूमि है जहां सभी धार्मिक समुदाय के लोग सदियों से सौहार्द के साथ रहते आ रहे हैं। गृह मंत्री ने कहा कि भारत शांति और सहिष्णुता का अग्रदूत रहा है, ईसाई धर्म के सभी छह संप्रदायों, इस्लाम के 72 संप्रदायों, पारसी और यहूदी- सभी मिलकर इस देश में को एक साथ शांति से रह रहे हैं।
धर्मांतरण के मुद्दे पर बोलते हुए राजनाथ सिंह ने समाज के सभी वर्गों से खुले दिमाग के साथ राष्ट्रीय स्तर पर बहस करने का की बात कही। उन्होंने कहा कि अन्य देशों में जहां बहुसंख्यक शासन में हैं, वहां अल्पसंख्यक धर्मांतरण कानून को लागू करने की मांग करते हैं जबकि भारत में धर्मांतरण कानून की मांग बहुसंख्यक समुदाय से आया है।
राष्ट्रीय ईसाई महासंघ द्वारा शांति महोत्सव के आयोजन की दिशा में किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए, राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत में ईसाई धर्म का इतिहास यूरोप से भी पुराना है क्योंकि सेंट थॉमस पहली शताब्दी में ही भारत आए थे। इस अवसर पर केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह नेउव व्यक्तियों और संस्थाओं को शाति पुरस्कार से सम्मानित भी किया जिन्होंने इस दिशा में बेहतर कार्य किया है।
इस अवसर पर सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले ने भी देश में शांति और सद्भाव की बात कही। उन्होंने कहा कि केवल शांति के माध्यम से ही भारत एक मजबूत देश बन सकता है। इस अवसर पर सांसद रिचर्ड हे भी उपस्थित थे।