सरकार खाद्य प्रसंस्‍करण के क्षेत्र में नये विचारों और स्‍थायी समाधानों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध : रामेश्‍वर तेली

 





खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग राज्‍य मंत्री  रामेश्‍वर तेली ने आज गुवाहाटी में हुए ‘उभरता पूर्वोत्‍तर’ कार्यक्रम के चौथे संस्‍करण में मुख्‍य अतिथि के तौर पर भागीदारी की। इस कार्यक्रम का आयोजन असम सरकार और एसोचेम की भागीदारी में किया गया था। 19 से 21 फरवरी 2021 के बीच आयोजित इस तीन दिन के कार्यक्रम में व्‍यावसायिक गोष्ठियां और प्रदर्शिनियां आयोजित की जाएंगी, ताकि विभिन्‍न हितधारकों को आपस में मिलने-जुलने और इस उद्योग के संबंध में जागरूकता बढ़ाने का अवसर मिले।

इस अवसर पर अपने संबोधन में  रामेश्‍वर तेली ने कहा कि केन्‍द्र सरकार देश में खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्‍होंने कहा कि इस समय खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग अपनी 32.75 अरब अमरीकी डॉलर की स्थिर पूंजी के साथ 40,000 के करीब पंजीकृत इकाइयों में करीब 1.93 मिलियन लोगों को रोजगार देता है और इसका सकल उत्‍पादन करीब 160 अरब अमरीकी डॉलर है तथा सरकार का प्रयास है कि इसमें कई गुना की वृद्धि की जाए।  

रामेश्‍वर तेली ने कहा कि महामारी के बावजूद पिछले साल सरकार ने विभिन्‍न राज्‍यों में 134 खाद्य प्रसंस्‍करण परियोजनाओं को मंजूरी दी, जिसमें 21 कृषि प्रसंस्‍करण क्‍लस्‍टर, 47 कोल्‍डचेन और 43 खाद्य प्रसंस्‍करण इकाइयां थीं। इन परियोजनाओं में 3.83 एमएमटी प्र‍ति वर्ष अतिरिक्‍त कृषि उत्‍पाद प्रसंस्‍करण एवं संरक्षण क्षमता निर्मित करने और 77,300 से ज्‍यादा लोगों को प्रत्‍यक्ष और अप्रत्‍यक्ष रोजगार प्रदान करने की क्षमता है।

रामेश्‍वर तेली ने कहा कि 2021-22 के केन्‍द्रीय बजट से खाद्य प्रसंस्‍करण क्षेत्र में भारत की सकल प्रतिस्‍पर्धा एवं क्षमता में वृद्धि होगी। खाद्य प्रसंस्‍कण उद्योग मंत्रालय विभिन्‍न योजनाओं के जरिये पूरी मूल्‍य श्रृंखला में निवेश को प्रोत्‍साहित करने के प्रयास कर रहा है और इसके साथ ही वह इस क्षेत्र में नये-नये विचारों और स्‍थायी समाधानों का समर्थन करने के लिए भी प्रतिबद्ध है। उन्‍होंने उद्योग सदस्‍यों, स्‍टार्टअप्‍स और नागरिकों को आगे आने तथा सरकार के साथ मिलकर आत्‍मनिर्भर भारत की दिशा में काम करने के लिए आमंत्रित किया।

रामेश्‍वर तेली ने इस अवसर पर ‘असम में खाद्य प्रसंस्‍करण एवं संबद्ध क्षेत्रों में अवसर एवं लाभ’ विषयक एक जानकारी रिपोर्ट भी जारी की। यह रिपोर्ट राष्‍ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के सहयोग से तैयार की गई है। 

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