धनगर आरक्षण : भाजपा सांसद महात्मे ने दिया सरकार को अल्टीमेटम


नागपुर : भाजपा के राज्यसभा सदस्य डॉ.विकास महात्मे ने कहा है कि धनगर आरक्षण को लेकर जल्द निर्णय नहीं हो पाने के कारण समाज में निराशा व रोष की स्थिति बनी है। सरकार पर विश्वास है कि वह जल्द ही धनगर को आरक्षण देगी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बारे में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जो कहते हैं वह करके रहते हैं। मुख्यमंत्री ने बार बार कहा है कि धनगर को आरक्षण दिया जाएगा। एक प्रश्न पर उन्होंने कहा कि धनगर आरक्षण की मांग को लेकर वे राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा भी दे सकते हैं। लेकिन फिलहाल वे पद पर बने रहकर ही समाज का बात व मांग को सक्षमता के साथ उठाने का विचार रखते हैं। सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है।


धनगर समाज को अनुसूचित जाति वर्ग की तरह आरक्षण देने की मांग भाजपा के राज्यसभा सदस्य डॉ.विकास महात्मे ने दोहरायी है। राज्य सरकार को 40 दिन का अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि सरकार अपने ही वादे को नहीं निभाएगी तो धनगर आंदोलन और अधिक तीव्र होगा। फिलहाल जिला स्तर पर आंदोलन की तैयारी की गई है। इस मामले को लेकर विधानमंडल का विशेष अधिवेशन बुलाने की मांग भी राज्य सरकार से की है। डॉ.महात्मे रविवार को रविभवन में पत्रकार वार्ता में बोल रहे थे। गौरतलब है कि लंबे समय से राज्य में धनगर समाज को आरक्षण की मांग की जा रही है।


धनगर समाज घुमंतू समुदाय है। पश्चिम महाराष्ट्र व मराठवाड़ा में इस समाज की जनसंख्या काफी है। राज्य की 4 लोकसभा सीटों बारामती, मधा, सोलापुर व सातारा में समाज के मतदाताओं की संख्या चुनावों में निर्णायक स्थिति में रहती है। राज्य में विधानसभा की 288 में से 35 सीटों पर समाज की संख्या अधिक है। फिलहाल धनगर समाज को 3.5 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। लेकिन समाज अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल करने व 7 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग कर रहा है। धनगर आरक्षण की मांग उठानेवाले समाज के प्रमुख नेताओं में डॉ.महात्मे व महादेवराव जानकर शामिल है। कांग्रेस व राकांपा के नेतृत्व की सरकार के समय धनगर आरक्षण को लेकर बड़े स्तर पर आंदोलन होते रहते है। राज्य में सत्ता में आने के बाद भाजपा ने डॉ.महात्मे को राज्यसभा में भेजा है। जानकर को राज्य में मंत्री बनाया गया है। भाजपा ने 2014 के चुनाव में वादा किया था कि सत्ता में आने पर धनगर व मराठा समाज को आरक्षण दिया जाएगा। मराठा को आरक्षण देने के बाद धनगर आरक्षण की मांग प्रमुखता से उठ रही है।