गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग द्वारा फीजी में गठित नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक


नई दिल्ली :गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग ने विदेश मंत्रालय के सहयोग से पहली बार फीजी में गठित की गई नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक दिनांक 15 जनवरी, 2019 को आयोजित की गई। इस अवसर पर राजभाषा विभाग द्वारा हिंदी के विदेशों में प्रचार-प्रसार के लिए पहलीअंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन भी किया गया। इस बैठक और संगोष्ठी के मुख्य अतिथि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू थे। इसमें गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों और फीजी स्थित भारत सरकार के दूतावासों /कार्यालयों और बैंकों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।


विदेशों में स्थित भारत सरकार के कार्यालयों बैंकों आदि के राजकीय कामकाज में हिंदी का प्रयोग बढ़ाने तथा अंतरराष्ट्रीय पटल पर हिंदी का प्रचार प्रसार करने के उद्देश्य से विदेशों में नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति का गठन किया गया है और इस प्रकार की अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों के आयोजन की व्यवस्था की गई है। यह राजभाषा विभाग की नई पहल है।  भविष्य में अन्य देशों में भी नगर राजभाषा कार्यान्वयन समितियों का गठन किया जाएगा।  केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इस अवसर पर कहा कि यह एक ऐतिहासिक अवसर है जब पहली बार राजभाषा विभाग द्वारा हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी की जा रही है और साथ ही साथ नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति का गठन किया जा रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि राजभाषा विभाग की यह पहल और विस्तार लेगी और विदेशों में हिंदी के प्रचार-प्रसार के काम को बल देगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्र की पहचान इस बात से होती है कि उसने अपनी भाषा को किस सीमा तक मजबूत, व्यापक और समृद्ध बनाया है। उन्होंने कहा कि हिंदी भाषा राष्ट्रीय ही नहीं अंतरराष्ट्रीय क्षितिज पर भी अभिव्यक्ति की सबल और प्रभावी संवाहिका है तथा हिंदी में विश्व की एक सशक्त भाषा के रूप में उभरने के सभी गुण हैं। किरेन रिजिजू ने भारत की विकास गाथा में एक वैश्विक भाषा के रूप में हिंदी का महत्व स्वीकार करते हुए कहा कि इसे और व्यापक स्वरूप प्रदान किया जाना समय की मांग है। उन्होंने विदेशों में गठित ऐसी समितियों के लिए राष्ट्रीय स्तर के राजभाषा पुरस्कारों की अलग श्रेणी निर्धारित किए जाने पर बल दिया।


इस अवसर पर फीजी में भारत के हाई कमिश्नर विश्वास सपकाल ने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि जिस प्रकार सूर्य की पहली किरण फीजी में आती है उसी प्रकार पहली अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी और नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति का गठन फीजी में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फीजी में हिंदी के कार्य को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने के लिए मार्च 2019 में अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने इस बात पर विशेष प्रसन्नता व्यक्त कि भारत सरकार ने 12 वां विश्व हिंदी सम्मेलन  फिजी में  आयोजित करने का निश्चय किया है


राजभाषा विभाग के सचिव शैलेश ने फीजी स्थित भारत सरकार के दूतावास/ कार्यालयों/ बैंकों के प्रतिनिधियों से अपना अधिकाधिक सरकारी कार्य हिंदी में करने का आह्वान किया ताकि विदेशों में भी हिंदी कार्यान्वयन की गति को बढ़ाया जा सके। डॉ बिपिन बिहारी, संयुक्त सचिव राजभाषा विभाग ने बैठक के दौरान पूर्ण तकनीकी सत्र संचालित किया और अपनी प्रस्तुतियों ‘ राजभाषा नीति’ तथा ‘प्रौद्योगिकी के माध्यम से हिंदी का विकास’ के माध्यम से विभाग के नवोन्मेषी कार्यों के बारे में विस्तृत जानकारी दी जिसे प्रतिभागियों ने काफी रोचक और फीजी के लिए उपयोगी बताया। उन्होंने विदेशों में राजभाषा नीति की विस्तृत जानकारी देते हुए इसके सुगम कार्यान्वयन के कारगर उपाय सुझाए। हिंदी के प्रयोग एवं कार्यन्वयन के विषय में उन्होंने राजभाषा द्वारा विकसित ई टूल्ज’ कंठस्थ’ एवं ‘लीला हिंदी प्रवाह’ के बारे में भी जानकारी दी।


फीजी में हिंदी के प्रचार प्रसार से जुड़ी संस्थाओं/संगठनों के प्रतिष्ठित विद्वान और लेखकों ने इस अवसर पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री से मुलाकात की। राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय भारत सरकार ने कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक भाग लेने के लिए सभी प्रतिभागियों, राजभाषा विभाग से जुड़े कार्मिकों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के प्रति आभार व्यक्त किया।


इस अवसर पर बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुधांशु खेमारी, न्यू इंडिया इश्योरेंस के सुभाष मेहता, भारतीय जीवन बीमा निगम के संजयदयाल, वाप्कोस के आदर्श कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किए।