प्रकाशन विभाग की सात पुस्तकों का नई दिल्ली के विश्व पुस्तक मेले में विमोचन


नई दिल्ली : के प्रगति मैदान में 5 से 13 जनवरी 2019 तक आयोजित हो रहे विश्व पुस्तक मेले में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का प्रकाशन विभाग भी हिस्सा ले रहा है। प्रकाशन विभाग द्वारा प्रकाशित सात पुस्तकों का विमोचन आज विश्व पुस्तक मेले के दौरान सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव श्री अमित खरे द्वारा किया गया।


 इन जारी की गई पुस्तकों की सूची इस प्रकार हैः



  1. बापू के आशीर्वाद - विचारों की महत्ता और रोज़मर्रा की जिंदगी की समस्याओं का सामना करने में उनके संभावित असर को समर्पित एक संकलन है। इस किताब की खास बात ये है कि इसमें महात्मा गांधी के हाथ से लिखे, असली विचार और संदेश हैं।

  2. 2500ईयर्स ऑफ बुद्धिज़्म- ये किताब पिछले 2500 वर्षों का बौद्ध धर्म का समग्र परिचय देती है। इसका परिचय दुनिया भर में ख्याति प्राप्त दार्शनिक और भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. एस. राधाकृष्णन ने लिखा था जब 1956 में ये पहली बार प्रकाशित हुई। विदेश मंत्रालय के द्वारा विदेशों में भारतीय मिशनों और पुस्तकालयों के लिए "भारत एक परिचय" कार्यक्रम के अंतर्गत भारतीय किताबों की जो एक प्रतिष्ठित सीमित सूची बनाई गई है उसमें इस पुस्तक को शामिल किए जाने के बाद इसके मौजूदा संस्करण को विभिन्न चित्रों के साथ लाया गया है।

  3. पोरट्रेट्स ऑफ स्ट्रेंथ- ये किताब दुश्वारियों के खिलाफ साहस को सलाम करती है। ये भारत के दूर-दराज के इलाकों में रहने वाली उन अनसुनी, अनजानी महिलाओं के बारे में है जिनके योगदान को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात में सराहा है।

  4. हिंदी स्वदेश में और विदेश में- न सिर्फ देश में बल्कि देश के बाहर भी हिंदी भाषा और उसके साहित्य के नए दौर के बारे में ये किताब है। बहुत बेहतरीन शोध और विद्वतापूर्ण कार्य होने के बावजूद ये किताब बहुत सरल और स्पष्ट है।

  5. रंग बिरंगी कहानियां- बहुत ही उत्कृष्ट बच्चों की किताब।

  6. बादल की सैर- बड़े होते हुए बच्चों को जेहन में रखकर लिखी गई लघु कहानियों का एक संकलन। इन कहानियों को इस प्रकार लिखा गया है कि मुंशी प्रेमचंद द्वारा लोकप्रिय किए गए कहानी कहने के सरल अंदाज को उभारा जा सके।

  7. आओ पर्यावरण बचाएं और धरा को स्वर्ग बनाएं- विकास की आग में झुलस रहे पर्यावरण को बचाने के बारे में है। सस्ता साहित्य मंडल के साथ सह-प्रकाशन व्यवस्था में छापी गई ये पुस्तक प्रकृति की अवहेलना करने के दुष्परिणामों के बारे में बात करती है।


 किताबें पढ़ने के महत्व पर जोर देते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव श्री अमित खरे ने कहा कि भले ही हमें सूचनाएं इंटरनेट से मिलती हैं लेकिन जब सच्चा ज्ञान प्राप्त करने और अपनी समझ को विस्तार देने की बात आती है तो हम किताबों के पास ही जाते हैं। प्रकाशन विभाग द्वारा किए गए अच्छे काम की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि ये विभाग न सिर्फ देश भर के कोने कोने से ताल्लुक रखने वाले अच्छे लेखकों को अवसर देता है बल्कि भारतीय साहित्य को विदेश में प्रसारित करने में भी मदद करता है। श्री खरे ने इस कार्यक्रम में महिलाओं की भागीदारी की बहुत प्रशंसा की जहां प्रकाशन विभाग की प्रतिनिधियों के अलावा लेखिकाएं भी मौजूद थीं। उन्होंने कहा कि ये सही मायनों में महिला सशक्तिकरण का प्रतिनिधित्व है।


 


इस अवसर पर राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय की पूर्व निदेशक डॉ. वर्षा दास, सस्ता साहित्य मंडल की सचिव डॉ. रीता रानी पालीवाल, प्रकाशन विभाग की महानिदेशक डॉ. साधना राउत और प्रकाशन विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण भी मौजूद थे। प्रकाशन विभाग की किताबें नई दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे विश्व पुस्तक मेले में हॉल संख्या 10 की स्टॉल संख्या 125-138 पर उपलब्ध हैं।