भारत - अमेरिका वाणिज्यिक वार्ता एवं सीईओ फोरम नई दिल्ली में आयोजित


सुरेश प्रभु भारत - अमरिका सीईओ फोरम की अध्‍यक्षता करते हुए


नई दिल्‍ली : भारत और अमे‍रिका ने आज नई दिल्‍ली में आयोजित भारत - अमेरिका वाणिज्यिक वार्ता और भारत - अमेरिका सीईओ फोरम में भाग लिया। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग और नागरिक उड्डयन मंत्री  सुरेश प्रभु ने बैठक की अध्यक्षता की। संयुक्त राज्य अमेरिका के सेक्रेटरी ऑफ कॉमर्स विल्बर रॉस मौसम एवं तकनीकी समस्याओं के कारण अप्रत्याशित तौर पर उड़ान रद्द होने के कारण भारत - अमेरिका वाणिज्यिक वार्ता और सीईओ फोरम में शामिल नहीं हो सके। हालांकि उन्होंने टेलीकॉन्‍फ्रेंस के जरिये अधिकांश सत्रों में भाग लिया।


  सुरेश प्रभु और  विल्बर रॉस ने भारत - अमेरिका व्यापार एवं वाणिज्य संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर टेलीफोन के जरिये बातचीत एवं चर्चा की। विल्बर रॉस ने भारत एवं अमेरिका के सीईओ और दोनों पक्षों के सरकारी अधिकारियों के साथ टेलीकॉन्‍फ्रेस के जरिये भारत - अमेरिका सीईओ फोरम और वाणिज्यिक वार्ता दोनों कार्यक्रमों में भाग लिया। उन्‍होंने बातचीत के दौरान भारत सरकार और निजी क्षेत्र को निरंतर भागीदारी के लिए धन्यवाद दिया और दोनों देशों के बीच संबंधों को आगे और मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई।


दोनों पक्षों ने वाणिज्यिक ट्रैक लक्ष्यों पर वर्ष 2018 के दौरान हुई प्रगति का आकलन किया और मानकों, कारोबारी माहौल एवं निवेश और यात्रा एवं पर्यटन के क्षेत्रों में प्रदर्शन की सराहना की। दोनों पक्षों ने व्यापार एवं वाणिज्य संबंधों को और विस्तार एवं मजबूत देने का संकल्प लिया। उन्होंने वाणिज्य एवं व्यापार के मुद्दों को निपटाने के लिए पारस्परिक रूप से लाभकारी क्षेत्रों में द्विपक्षीय तालमेल के महत्व की सराहना की।


सीईओ फोरम की सह-अध्यक्षता टाटा संस के अध्यक्ष  एन. चंद्रशेखरन और अमेरिकन टावर कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष एवं सीईओ जेम्स डी. टाइक्‍लेट ने की। दोनों सरकारों का प्रतिनिधित्‍व उद्योग संवर्द्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग के सचिव रमेश अभिषेक और भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ जस्टर ने किया। 


यह फोरम कारोबारी संस्थाओं को प्रभावित करने वाले प्रमुख मुद्दों को उजागर करने और दोनों अर्थव्यवस्थाओं के पारस्परिक लाभ के लिए करीबी सहयोग के क्षेत्रों की पहचान करने के लिए एक प्रभावी मंच है। भारत और अमेरिका की सरकारों द्वारा दिसंबर 2014 में स्‍थापना के बाद इसकी तीन बैठकें हो चुकी हैं।


दोनों देशों के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारियों ने विस्तृत विचार-विमर्श के बाद ऊर्जा, जल, पर्यावरण, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी, उभरती प्रौद्योगिकी, डिजिटल इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर, उद्यमशीलता एवं समावेशी विकास, छोटे कारोबार को प्रोत्‍साहन और बुनियादी ढांचा एवं विनिर्माण से संबंधित अपने सुझाव दिए। दोनों सरकारों के प्रतिनिधियों एवं मुख्‍य कार्यकारी अधिकारियों ने दोनों देशों में वाणिज्य एवं उद्योग के फायदे के लिए साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई। वाणिज्य मंत्री  सुरेश प्रभु और अमेरिका के वाणिज्य सचिव  विलबर रॉस ने उपयुक्‍त पहल के लिए सिफारिशों पर विचार करने के लिए मिलकर काम करने का संकल्प व्यक्त किया।


दोनों पक्षों ने विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्रों में लघु एवं मझोले उद्यमों (एसएमई) सहित छोटे व्यवसायों की उल्‍लेखनीय भूमिका की सराहना की। साथ ही उन्‍होंने दोनों देशों में एसएमई के लिए सर्वोत्‍तम प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल नीतियों एवं साझेदारी के साथ कारोबारों एवं संस्‍थानों के बीच बेहतर भागीदारी सुनिश्चित करने की इच्‍छा जताई। यूएस डिपार्टमेंट ऑफ कॉमर्स ने मई 2019 में ट्रेड विंड्स इवेंट आयोजित करने के लिए पहल की है जिससे बहुत सारे एसएमई की भारत में दिलचस्पी बढ़ेगी। दोनों पक्षों ने इस कार्यक्रम के दौरान निजी क्षेत्र के नेतृत्व में एसएमई संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सहमति व्‍यक्ति की।


दोनों पक्षों ने मानक कार्य धारा द्वारा वर्ष 2018 के दौरान की गई प्रगति का आकलन किया और भारतीय राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला (एनपीएल) एवं अमेरिका के बीच सहयोग पर सराहनीय प्रगति का स्वागत किया। संदर्भ सामग्री उत्पादन के लिए क्षेत्रों की पहचान करने में एनपीएल द्वारा की गई प्रगति की सराहना की गई और उम्‍मीद जताई गई कि दोनों संस्थानों के बीच तकनीकी सहयोग से एनपीएल प्रमाणित संदर्भ सामग्री विकास के वाणिज्यिकरण में समर्थ होगा।


दोनों पक्षों ने प्रत्‍यायन संबंधी मामलों में सहयोग के लिए भारत के नेशनल एक्रीडिएशन बोर्ड फॉर सर्टिफिकेशन बॉडीज (एनएबीसीबी) और संयुक्त राज्य अमेरिका के एएनएसआई नेशनल एक्रीडिएशन बोर्ड (एएनएबी) के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने का स्‍वागत किया।


दोनों पक्षों ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और अमेरिकन नेशनल स्‍टैंडर्ड्स इंस्‍टीट्यूट (एएनएसआई) के बीच समझौता ज्ञापन पर 2018के दौरान हुई प्रगति का स्वागत किया। साथ ही उन्‍होंने निजी कारोबार को एक-दूसरे के क्षेत्र में मानकों एवं प्रक्रियाओं से अवगत कराने के लिए इंडिया-यूएस स्‍टैंडर्ड्स पोर्टल की उपयोगिता की सराहना की।


दोनों पक्षों ने भारत अमेरिका स्‍टेट स्‍पॉटलाइट वेबिनार श्रृंखला के तहत हासिल की गई प्रगति की सराहना की।उन्‍होंन ओडिशा, मिशिगन,वाशिंगटन,  टेक्‍सस और पश्चिम बंगाल जैसे राज्‍यों  में भारतीय और अमेरिकी कंपनियों के लिए व्‍यापार एवं निवेश संभावनाओं को उजागर करने के लिए आयोजित वेबिनार की सफलता का उल्‍लेख किया। भारत में अमेरिकी कंपनियों के परिचालन को सुगम बनाने के प्रयास के तहत एक फास्ट ट्रैक ढांचे की स्‍थापना की गई है। इन कंपनियों की चिंताओं को दूर करने के लिए इसके तहत 2018 में दो राउंडटेबल बैठकों का आयोजन हुआ। इसके अलावा, क्षेत्र विशेष की समस्‍याओं के समाधान के लिए 2018 में अमेरिकी कंपनियों के साथ तीन अन्‍य राउंडटेबल भी आयोजित किए गए।


दोनों पक्षों ने डब्ल्यूआईपीओ कॉपीराइट संधि और डब्ल्यूआईपीओ प्रदर्शन एवं फोनोग्राम संधि के लिए भारत सरकार के दृष्टिकोण का उल्लेख किया। इसके अलावा दोनों पक्षों ने नवाचार, रचनात्मकता और तकनीकी उन्‍नयन को बढ़ावा देने के लिए साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई।


उन्होंने यात्रा एवं पर्यटन कार्य समूह के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए फरवरी 2019 में दोनों सरकारों के कार्य समूहों की बैठक का उल्लेख किया।इसमें दोनों देशों के बीच यात्रा एवं पर्यटन को बढ़ावा देने में निजी क्षेत्र के यात्रा एवं पर्यटन हितधारकों की भागीदारी को भी शामिल किया गया।


दोनों पक्षों ने वाणिज्यिक वार्ता के संचालन पर संतोष व्यक्त किया और अगले दौर की वाणिज्यिक वार्ता अमेरिका में पारस्परिक रूप से उपयुक्‍त समय पर आयोजित करने के लिए तत्‍परता दिखाई।