नई दिल्ली: “राष्ट्र पुलवामा में हमारे सुरक्षाबलों पर कायराना आतंकी हमले के खिलाफ गहरा आक्रोश व्यक्त कर रहा है। हम अपने देश के खिलाफ आतंक के अभिशाप के विरूद्ध एक निर्णायक युद्ध लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार हैं और हमारी सरकार इस लड़ाई को इसकी तार्किक परिणति तक पहुंचाने के लिए दृढ़ संकल्प है।” केन्द्रीय संसदीय मामले, ग्रामीण विकास, पंचायती राज एवं खनन मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने मीडिया को संबोधित करते हुए उक्त बातें कहीं। यह संबोधन केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में पुलवामा आतंकी हमले पर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं की बैठक के समापन के बाद दिया गया।
इस नीचतापूर्ण हमले की निंदा करते हुए तोमर ने कहा कि, “हमारे बहादुर सैनिकों का सर्वोच्च बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। सरकार ने भारत के विरुद्ध आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली ताकतों से निपटने के लिए सुरक्षाबलों को खुली छूट दे दी है।” उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने आरम्भ से ही आतंकवाद के खिलाफ जीरो टोलरेंस की नीति का अनुसरण किया है और यह कायराना आतंकी हमला इसी नीति के कारण आतंकवादियों में उपजी हताशा की भावना प्रदर्शित करता है।
उन्होंने कहा कि सरकार इन जवानों के शोक संतप्त परिवारजनों के साथ मजबूती से खड़ी है और उन्हें सहायता करने की हर संभव कोशिश करेगी। केन्द्र सरकार ने पहले ही सभी राज्य सरकारों से उन परिवारों को आवश्यक सहायता उपलब्ध कराने का आग्रह किया है।
आतंक के विरुद्ध लड़ाई में सभी राजनीतिक दलों के समर्थन को अभिस्वीकार करते हुए तोमर ने कहा कि भारत के खिलाफ सीमापार आतंकवाद की निन्दा करने में राष्ट्र कश्मीर के अमन पसंद लोगों के साथ है। मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर राज्य में कुछ ऐसे तत्व हैं जो शांति की प्रक्रिया में बाधा डालने के लिए संकल्पित हैं और वे आतंकियों से मिले हुए हैं। ऐसे लोग कश्मीर के युवाओं के दुश्मन हैं और राज्य में शांति बनाए रखना नहीं चाहते। तोमर ने गृहमंत्री को उद्धृत किया और कहा कि सरकार जम्मू एवं कश्मीर से आतंकवाद के दुश्मन के उन्मूलन और राज्य में अमन चैन बहाल करने के लिए दृढ़ संकल्प है।
तोमर ने यह भी कहा कि बैठक के दौरान सभी राजनीतिक दलों ने एक स्वर से आतंकी हमले की निन्दा की और शहीद जवानों के लिए दो मिनट का मौन धारण किया। उन्होंने बताया कि बैठक के दौरान आतंक के इस कृत्य की निन्दा करने का एक संकल्प भी अंगीकृत किया गया।