नई दिल्ली : केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भारत-जर्मन विकास सहयोग के अंतर्गत नई दिल्ली के हयात होटल में ‘’टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल औद्योगिक उत्पाfदन (एसईआईपी)’’ परियोजना पर दूसरे राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। यह मंत्रालय और जीआईजेड –जर्मन विकास एजेंसी का संयुक्त कार्यक्रम है।
यह परियोजना दो सप्ताह में संपन्न हुई है और मंत्रालय ने इस सममेलन का आयोजन इसके निष्कर्षों, सफल मॉडलों और अनुभवों के प्रसार के लिए किया है, ताकि अखिल भारतीय आधार पर राज्य एजेंसियों के साथ मिलकर इनका रेप्लकेशन या प्रतिरूप और भावी कार्रवाइयों की योजना तैयार की जा सके। इस परियोजना के तहत कंपनियों के साथ सीधे तौर पर कार्य किया गया है और उन्हें तीन राज्यों (दिल्ली, उत्तराखण्ड और गुजरात) के पांच औद्योगिक क्षेत्रों में पर्यावरण के अनुकूल उत्पादन और अपशिष्ट जल प्रबंधन के बारे में परामर्श दिया गया है।
70 प्रतिभागियों में 18 राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों और जम्मू कश्मीर, त्रिपुरा, झारखण्ड, गोवा, गुजरात, राजस्थान आदि सहित 8 राज्य औद्योगिक विभागों के प्रतिनिधि शामिल थे।
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में अपर सचिव ए के जैन ने इस सम्मेलन का उद्घाटन किया और इस बात पर बल दिया कि क्षेत्रीय रेप्लकेशन वर्कशॉप या प्रतिरूप कार्यशालाओं का आयोजन राज्य स्तरीय स्थानीय निकायों को साथ जोड़ते हुए एसईआईपी के अगले चरण में निष्कर्षों के प्रसार के लिए विभिन्न स्थानों पर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकारी प्रतिनिधि इससे सबक लेंगे और अपने अनुभव मंत्रालय में साझा करेंगे।
दिनभर इस परियोजना के जिन महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई, उनमें उद्योगों में संसाधन दक्षता और स्वच्छ उत्पादन (क्योंकि इस कदम की वजह से 100 से ज्यादा सफलता की कहानियां हैं)। उद्योगों और औद्योगिक संगठनों द्वारा स्वैच्छिक कार्रवाई, कौशल विकास, औद्योगिक क्षेत्रों के लिए निरंतरता के मानक आदि शामिल हैं।