राहुल गांधी ने केरल के वायनाड में रैली से पहले थिरुनेल्ली मंदिर में पूजा-अर्चना की


कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने केरल के वायनाड में रैली करने से पहले थिरुनेल्ली मंदिर में विधि-विधान से पूजा-अर्चना की रैली से पहले थिरुनेल्ली मंदिर में राहुल का दौरा कई मायनों में खास है। बीजेपी के हिंदुओं के डर से अल्पसंख्यकों की सीट चुनने के आरोपों के बीच राहुल के मंदिर दर्शन का राजनीतिक महत्व तो है ही, साथ ही इस दौरे से उनका भावनात्मक पहलू भी जुड़ा हुआ है। 


बता दें कि 1991 में राजीव गांधी की एक आत्मघाती हमले में हत्या कर दी गई थी। इसके बाद केरल के तत्कालीन मुख्यमंत्री के करुणाकरन के साथ राहुल ने इसी मंदिर के पास स्थित पवित्र पापनाशिनी नदी में उनकी अस्थियां प्रवाहित की थीं । राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार 1991 में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के. करुणाकरन ने राजीव गांधी की अस्थियों के जरिए केरल में कांग्रेस के जनाधार को मजबूत किया था और केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ की वापसी कराई थी। 


राहुल ने मंगलवार को भी मंदिर के पथरीले रास्तों पर नंगे पांव चलकर पूजा-अर्चना की और पापनाशिनी नदी की पवित्र धारा में बली तर्पण किया। यह एक परंपरा होती है जिसके तहत वह उन्होंने अपने पिता की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। राहुल के यह बदले हुए रूप ने सभी का ध्यान खींच लिया। 

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया, 'राहुल पिछली बार भी यहां आना चाहते थे लेकिन सुरक्षा कारणों से नहीं आ सके। इसी जगह पर पापनाशिनी नदी में राजीव गांधी की अस्थियां प्रवाहित की गई थीं।' उन्होंने आगे कहा, 'पुजारी के निर्देशों के अनुसार, राहुल ने सभी रीति-रिवाजों का पालन करते हुए, अपनी दादी, पिता, पूर्वजों और पुलवामा हमले के शहीदों के लिए प्रार्थना की।'