चिकित्सा क्षेत्र में ऐतिहासिक सुधार के मार्ग को प्रशस्त करेगा : हर्षवर्धन


नई दिल्ली : स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. हर्षवर्धन ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) विधेयक 2019 को राज्यसभा में चर्चा और पारित कराने के लिए पेश करते हुये कहा कि इस आयोग के गठन का प्रावधान करने वाला यह विधेयक चिकित्सा क्षेत्र में ऐतिहासिक सुधार  के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उल्लेखनीय है कि यह विधेयक इस सप्ताह सोमवार को लोकसभा से पारित किया जा चुका है। उच्च सदन में विधेयक ऐसे समय पेश किया गया है जबकि इसके विरोध में डॉक्टर हड़ताल पर हैं। उच्च सदन में विधेयक पेश करते हुये डा. हर्षवर्धन ने कहा कि इस विधेयक का मकसद चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाना और शुल्क संबंधी अनियमितताओं को दूर करते हुये चिकित्सा सेवाओं को स्तरीय बनाना है। विधेयक पेश किये जाने से पहले विपक्षी दलों के कुछ सदस्यों ने इसे संसदीय समिति के समक्ष भेजे जाने की मांग की। राजद के मनोज कुमार झा और टीआरएस के    के केशव राव ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुये कहा कि स्थायी समिति ने विधेयक के जिन प्रावधानों पर सहमति जतायी थी, सरकार ने उनसे भिन्न प्रावधानों के साथ विधेयक पेश किया हैइसलिये इसे प्रवर समिति में भेजा जाना चाहिये। इस पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि वह इस पर विचार करने के बाद व्यवस्था देंगेविधेयक पेश करते हुये डा. हर्षवर्धन ने कहा कि एनएमसी, भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने की मोटी मला की नीति के तहत लाया गया है इसे चिकित्सा व्यवस्था में सुधार के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सरकार सभी को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने को प्रतिबद्ध है। इस दिशा में 2014 से लगातार कदम उठाए जा रहे हैं।उन्होंने कहा कि भारतीय चिकित्सा परिषद् (एमसीआई) में लंबे समय से भ्रष्टाचार की शिकायतें आ रही थीं। इस मामले में सीबीआई जांच भी हुई। ऐसे में इस संस्था के कायाकल्प की जरूरत हुईडा. हर्षवर्धन ने कहा एमसीआई में सधार के लिये गठित रंजीत राय चौधरी समिति और विभाग संबंधी संसद की स्थायी समिति की सिफारिशों के आधार पर एनएमसी के गठन के लिये यह विधेयक पेश किया गया है I