पाकिस्तान से आ रहा सतलज नदी का पानी जहरीला पंजाब के गांवों में लोग बीमार, मवेशियों की मौत


नई दिल्ली : भारत के खिलाफ पाकिस्तान ने एक जहरीली साजिश रची है. सतलुज नदी में चमड़े के कारखानों का ज़हरीला बदबूदार रसायन आर कचरा छोड़कर पाकिस्तान उसके पानी को दूषित कर रहा है जिससे पंजाब के सरहदी गांवों में लोग बीमार पड़ रहे हैं इतना ही नहीं मवेशियों की भी मौत हो चुकी है जबकि फसलों का भी भारी नकसान हो रहा है. भारत से पाकिस्तान की तरफ कळ दर तक बहने के दौरान पाकिस्तान के कमा जिले में सतलुज को दूषित किया जा रहा है I आपको बता दें कि बाढ़ का वजह स सतलुज का पाना भारत क पजाब क बाढ़ की वजह से सतलुज का पानी भारत के पंजाब के कुछ हिस्से से होकर पाकिस्तान में दाखिल हो कर वापस पंजाब और हिंदुस्तान में प्रवेश करता है. लेकिन जैसे ही सतलुज का पानी पाकिस्तान में प्रवेश करता है तो चमडा फैक्टरिओं का पानी सतलुज के पानी में मिलाना शुरू कर दिया जाता है ताकि पंजाब के गांवों के लोगों को फसलों के नुकसान के साथ जानमाल का नुकसान भी हो. ग्रामीणों ने बताया की पानी हर साल आता है और उनकी फसलों का नुकसान करता है पर इस बार पानी में कछ ज्यादा जहरीला और बहुत ही ज्यादा बदबू वाला आ रहा है जो पाकिस्तान की साजिश है. जिसके चलते सरहदी गांवों में गाले मवेशियों की मौत हो जाती साथ ही सो का भी सांस लेना ओर पानी पीना मजिकल बना दा के रेतेवाली भैणी गांव के रहने वाले गुरदीप सिंह रांझा सिंह. देस सिंह और सतनाम सिंह ने यहां का हाल बताया है I उनका कहना है कि हर साल बाढ़ का समाना करना पड़ता है और सालों से उनकी फसल बर्बाद होती रही है. लेकिन इस बार पाकिस्तान की तरफ से बाढ़ की आड में सतलज दरिया में जहरीला पानी भी छोड़ा जा रहा है क्योंकि ये दरिया हिंदुस्तान से पाकिस्तान के कसूर जिले में हो कर फिर हिंदुस्तान में वापस आता है I  भाखड़ा डैम से छोड़ा गया पानी हुसनावाला स हात हुए पाकिस्तान के कसूर जिल फाजिल्का क जलालाबाद म प्रवश कर फिर भारत म दाखल हा जाता ह आफिर पाकिस्तानम जाकर फाजिल्का न सामावता गांव महर जमशेर में प्रवेश करता है I फिरोजपुर के डिप्टी कमिश्नर ने भी पानी में जहरीले तत्व होने की बात की थी और अब फाजिल्का के सीमावर्ती गांवों में भी जहरीले पानी आने का मामला सामने आया है और प्रशासन ने तुरंत जांच के आदेश दे दिए है ताकि यह जहरीला पानी आने वाले दिनों में इंसानों और मवेशियों के लिए खतरा न बने।