नई दिल्ली : पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा इस्पात मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने देश में इस्पात उद्योग से हरित इस्पात मिशन की दिशा में काम करने के लिए कहा है। आज नई दिल्ली में भारतीय इस्पात संघ (आईएसए) द्वारा आयोजित इस्पात संगोष्ठी 2019 में अपने उद्घाटन संबोधन में उन्होंने कहा एक जिम्मेदार राष्ट्र के रूप में हम जलवायु परिवर्तन को कम करने में योगदान कर रहे हैं। हमने अक्षय ऊर्जा की 450 गीगावॉट क्षमता हासिल करने की महत्वाकांक्षी योजना बनाई है। मैं इस्पात उद्योग से "हरित इस्पात" मिशन के उद्देश्यों को प्राप्त करने की दिशा में काम करने की अपील करता हूँ। इस्पात उद्योग को पर्यावरण के अनुकूल उत्पादन प्रक्रियाएं विकसित करने के लिए प्रौद्योगिकी और नवाचार का इस्तेमाल करना चाहिए। केन्द्रीय मंत्री ने कहा उनके मंत्रालय ने पूर्वी भारत में प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा परियोजना शुरू की है जो क्षेत्र में स्थित सभी इस्पात संयंत्रों को गैस की आपूर्ति कर सकती है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के अनुकूल और किफायती ईंधन होने के नाते इस्पात उद्योग को कोयले की जगह गैस का इस्तेमाल करने की ओर बढ़ना चाहिए।