नयी दिल्ली : केन्द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (स्वंतत्र प्रभार) राज्य मंत्री डॉ जितेन्द्र सिंह ने अपने मंत्रालय और पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) के अधिकारियों के साथ आज एक समीक्षा बैठक का आयोजन किया। जिसमें उनहोंने दो नए केन्द्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांस प्रौद्योगिकी पार्क स्थापित करने की घोषणा की। एनईसी के तहत बेंत और बांस प्रौद्योगिकी केंद्र (सीबीटीसी) इस परियोजना को लागू करेगा।
डॉ जितेन्द्र सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के दल ने अभी हाल में ही पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर का दौरा किया था। वहां अन्य मुद्दों के साथ-साथ इस क्षेत्र में उगाए गए बांसों के व्यापारिक दोहन के बारे में भी विचार-विमर्श किया गया। अब यह निर्णय लिया गया है कि बांस की खेती, फसल कटाई और उपयोग का मॉडल जो पूर्वोत्तर क्षेत्र में मौजूद है उसे इस दोनों नए केन्द्र शासित प्रदेशों में लागू किया जाएगा ताकि इस क्षेत्र को बढ़ावा मिले। जम्मू, श्रीनगर और लेह में तीन नए बांस प्रौद्योगिकी पार्कों की स्थापना राष्ट्रीय बांस मिशन (एनबीएम) के सहयोग से की जाएगी। असम के दीमा हसाओ जिले में एक बांस औद्योगिक पार्क की स्थापना को पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है।
डॉ जितेन्द्र सिंह ने 23 से 26 नवम्बर, 2019 तक वाराणसी में आयोजित किए जाने वाले 'डेस्टिनेशन नॉर्थ ईस्ट' नामक कार्यक्रम की तैयारी में हुई प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने पूर्वोत्तर क्षेत्र के छात्रों और लोगों के लिए दिल्ली में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, रोहिणी और द्वारका में दो हॉस्टल और एक सम्मेलन केन्द्र की स्थापना की परियोजनाओं में हुई प्रगति की भी समीक्षा की। पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय में सचिव डॉ इन्द्रजीत सिंह, पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) सचिव श्री राम मुइवा तथा मंत्रालय और एनईसी के वरिष्ठ अधिकारी भी इस बैठक में उपस्थित थे।