नई दिल्ली : महाराष्ट्र सरकार ने बताया है कि अक्टूबर-नवंबर, 2019 में बेमौसम बारिश के कारण फसल के नुकसान (33% से अधिक) का कुल क्षेत्र 94.53 लाख हेक्टेयर है। इससे लगभग 103.52 लाख किसान प्रभावित हुए हैं। महाराष्ट्र सरकार द्वारा प्रस्तुत ज्ञापन के अनुसार राज्य के 29 जिले बाढ़ से प्रभावित थे।
आपदा प्रबंधन की प्रारंभिक जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। केंद्र सरकार ने स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए राज्यों को सभी संभव रसद और वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। राज्य सरकार ने नुकसान का आकलन किया और राज्य आपदा मोचन कोष (एसडीआरएफ) बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए वित्तीय राहत प्रदान कर रही है। राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष (एनडीआरएफ) द्वारा अतिरिक्त वित्तीय सहायता को निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार प्रदान की जाती है, जिसमें अंतर-मंत्रालय केन्द्रीय टीम (आईएमसीटी) के आधार मूल्यांकन के आधार पर होता है।
इस मामले में, महाराष्ट्र सरकार से ज्ञापन प्राप्त होने से पहले ही, गृह मंत्रालय ने आईएमसीटी का गठन किया, जिसने 29 अगस्त से 1 सितंबर, 2019 के दौरान और पुन: 14 से 16 अक्टूबर, 2019 के दौरान भी महाराष्ट्र के प्रभावित इलाकों का दौरा किया एवं क्षति का आकलन किया। महाराष्ट्र सरकार ने एनडीआरएफ को 2110.62 करोड़ रुपये की सहायता का ज्ञापन सौंपा। महाराष्ट्र पर आईएमसीटी की अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर, 600 करोड़ रूपये की अंतरिम राशि महाराष्ट्र को स्वीकृत की गई है। इसके अलावा, 2019 के दौरान अधिसूचित प्राकृतिक आपदा से आवश्यक राहत के प्रबंधन के लिए राज्य सरकार को 676.125 करोड़ रुपये की एसडीआरएफ की केंद्रीय हिस्सेदारी भी जारी की गई है। केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में लिखित जवाब में यह जानकारी दी।