मंत्री जी की खरी खरी, नही बन्द होगा प्रेरणा एप


उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार ने शिक्षकों पर प्रेरणा एप का चाबुक चलाया है । यहां तक तो ठीक है लेकिन योगी सरकार मंत्रीमंडल के बेसिक शिक्षा मंत्री डा० सतीश चन्द द्विवेदी ने गोरखपुर में एक कार्यक्रम के दौरान प्राथमिक शिक्षकों को खरी खरी सुनाते हुए कहा कि प्रदेश में पच्चीस प्रतिशत शिक्षक विद्यालय नही जाते हैं ।यह शिक्षक अपनी जगह दूसरों को पढ़ाने के लिए भेजते हैं । इन शिक्षकों को यह भी नही पता है कि उनका विद्यालय कहां है । सरकार से मोटी तनख्वाह लेने के बाद भी बच्चों को पढ़ाने की जगह दिल्ली सहित अन्य शहरों में अपनी तैयारी कर रहे हैं । उन्होंने शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को भी आड़े हाथ लेते हुए तंज किया कि इनकी भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका है । अधिकारी घूस लेकर शिक्षकों को वेतन देने का काम करते हैं । इस तरह शिक्षकों की मनमानी और लापरवाही से शिक्षा व्यवस्था चौपट हो गई है । उन्होंने साफ साफ शब्दों में स्पष्ट कर दिया कि प्रेरणा एप बन्द नही होगा । शिक्षकों को खरी खरी सुनाने के बाद उन पर हमदर्दी का मरहम  लगाते हुए कहा कि यह एप उन शिक्षकों के लिए सही है जो विद्यालय जाते हैं और उसके बावजूद विभागीय अधिकारी उनका शोषण करते हैं । 


बेसिक शिक्षा मंत्री ने अपने विभाग की सच्चाई बयां करने में थोड़ा भी हिचकिचाहट महसूस नही किया और प्याज के छिलके की तरह परत दर परत सब कुछ खोल कर रख दिया ।  बेसिक शिक्षा मंत्री का यह बयान शिक्षकों पर प्रेरणा एप के जख्म पर नमक छिड़कने के समान है । तिलमिलाए शिक्षकों ने इस बयान पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि सभी शिक्षक एक जैसे नही हैं । इक्का दुक्का यदि कोई शिक्षक विद्यालय नही जाता है , और अधिकारियों को घूस देकर वेतन लेता है तो बेसिक शिक्षा मंत्री बताएं ऐसे कितने भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही किया जिन्होंने घूस लेकर वेतन दिया और उन शिक्षकों को कर्म पथ से भटकाने का काम कर रहे हैं । प्रेरणा एप के विरोध में प्राथमिक व जूनियर  संगठनों के बैनर तले शिक्षकों का प्रदेश व्यापी आन्दोलन अपनी ररवानी पर है , और सरकार से अपनी मांगों को मनवाने के लिए प्रेरणा एप डाउनलोड नही करने का ऐलान किया है । 


  उदय प्रताप सिंह