नागरिकता कानून पर दुनिया को साधेगी सरकार


नई दिल्ली : मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले 6 महीने के अंदर ही न सिर्फ आंतरिक मोर्चे पर बल्कि कूटनीति के स्तर पर भी व्यस्त घटनाक्रम रहा है। इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि पहले 6 महीने के अंदर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 25 देशों का दौरा कर लिया है। इनमें 21 देशों का दौरा 10 अगस्त के बाद हुआ है यानी 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से पर साथ लेकिन NRC अनुच्छेद 370 हटाने के बाद। अब नागरिकता संशोधन कानून के बाद जहां एक बार फिर ग्लोबल स्तर पर कुछ चिंता जाहिर की गई, विदेश मंत्री का व्यस्त दौरा जारी रह सकता है। सूत्रों के अनुसार विदेश मंत्री अगले 45 दिनों में 10 देशों का दौरा कर सकते हैं।


विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ झूठ फैलाने के लिए तमाम देशों में खास प्रतिनिधि भेजे। कई एजेंसियों को पूरी ताकत से लगाया। ऐसे में भारत के लिए इस दुष्प्रचार का जवाब देना जरूरी था। विदेश मंत्री के इस दौरे का सकारात्मक परिणाम निकला और देश के अंदर उठे तमाम मसलों को इन देशों ने आंतरिक मामला बताया। अधिकतर मुस्लिम देशों तक ने भारत का साथ दिया। भारत इसी पैटर्न के तहत नागरिकता संशोधन कानून पर भी विश्व स्तर पर काम करने कह प्लानिंग कर चुका है। इस चरण में अमेरिका के अलावा क्षेत्रीय जामिया  यूरोपीय देशों का दौरा एस जयशंकर करेंगे। यूरोपीय यूनियन की ओर से हाल में भारत के मसलों पर विरोधाभास कमेंट किए गए हैं। ऐसे समय में हो रही है जब दोनों देशों के संबंध उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं। इस वार्ता में अब 370 या उसके बाद उपजे हालात पर चर्चा नहीं होगी और अमेरिका भारत के स्टैंड से पूरी तरह सहमत हो चुका है।


सबसे अहम होगा दोनों देशों के बीच अटके व्यापार समझौते पर बात आगे बढ़ाना। अधिकारियों के अनुसर इस वार्ता के बाद पूरे विश्व को संदेश चला जाएगा कि भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने की पाकिस्तान की कोशिशों को कोई गंभीरता से नहीं ले रहा है। की पाकिस्तान की कोशिशों को से नहीं ले रहा है। हॉस्टल में अगले हफ्ते भारत और अमेरिका के बीच 2+2 वार्ता का अगला दौर 18 दिसंबर को शुरू होने वाला है। इसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शामिल होंगे। अमेरिका की ओर से रक्षा और विदेश मंत्री शामिल होंगे। भारत इस फॉर्मैट पर अमेरिका के अलावा सिर्फ जापान के साथ वार्ता करता है।