साहित्य अकादमी ने वार्षिक साहित्य अकादमी पुरस्कारों की घोषणा की


नई दिल्ली : साहित्य अकादमी ने आज 23 भाषाओं में अपने वार्षिक साहित्य अकादमी पुरस्कारों की घोषणा की। कविता की सात पुस्तकों, चार उपन्यासों, छह लघु कथाओं , तीन निबंधों और एक-एक गैर-काल्पनिक उपन्यास, आत्मकथा और जीवनी को साहित्य अकादमी पुरस्कार 2019 मिला है।इन पुरस्कारों की सिफारिश 23 भारतीय भाषाओं के प्रतिनिधित्व वाले प्रतिष्ठित जूरी सदस्यों द्वारा की गई की जिन्हें साहित्य अकादमी के कार्यकारी बोर्ड नेआज साहित्य अकादमी के अध्यक्ष डॉ चंद्रशेखर कंबर की अध्यक्षता में हुई बैठक में मंजूरी दी।


कविता की सात पुस्तकों के लिए डॉ फूकन चौधरी बसुमतारी (बोडो), डॉ. नंद किशोर आचार्य (हिंदी),  नीलबा ए. खांडेकर (कोंकणी),  कुमार मनीष अरविंद (मैथिली),  वी मधुसूदनन नायर (मलयालम),  अनुराधा पाटिल (मराठी) और प्रो. पन्ना मधुसूदन (संस्कृत)  को पुरस्कार प्रदान किया  गया।चार उपन्यासों के लिए डॉ जयश्री गोस्वामी महंत (असमिया),  एल. बीरमंगल सिंह (बेरिल थंगा) (मणिपुरी),  चौधरी  धर्मन (तमिल) और बंदी नारायण स्वामी (तेलुगु) को पुरस्कार दिये गये।


छह लघु कथाओं के लिए   अब्दुल अहद हज़िनी (कश्मीरी),  तरुण कांति मिश्रा (ओडिया),  कृपाल कजाक (पंजाबी),  रामस्वरूप किसान (राजस्थानी),  काली चरण हेम्ब्रम (संथाली) और ईश्वर मुरजानी (सिंधी) को पुरस्कार प्रदान किये गये। डॉ. शशि थरूर (अंग्रेजी), डॉ. विजया (कन्नड़) और प्रो. शफी किदवई (उर्दू) को क्रमशः गैर काल्पनिक कथा, आत्मकथा और जीवनी के लिए साहित्य पुरस्कार दिये गये। निबंध की तीन पुस्तकों के लिए डा. चिन्मय गुहा (बंगाली),  ओम शर्मा जंदरीयारी (डोगरी) और रतिलाल बोरिससागर (गुजराती) को पुरस्कार दिये गये।


इस पुरस्कार के लिए  पुस्तकों का चयन संबंधित भाषाओं में तीन सदस्यों की जूरी द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर तय प्रक्रिया के अनुसार किया गया। प्रक्रिया के तहत, कार्यकारी बोर्ड ने इन पुरस्कारों की घोषणा जूरी द्वारा एकमत से या बहुमत से पुस्तकों के चयन के आधार पर की। इस पुरस्कार के लिए प्रक्रिया शुरू होने से पहले के पाँच वर्ष के दौरान (1 जनवरी 2013 और 31 दिसंबर 2017 के बीच) पहली बार प्रकाशित पुस्तकों को चुना गया।ये पुरस्कार साहित्य अकादमी द्वारा आयोजित साहित्य उत्सव  के दौरान 25 फरवरी 2020 को नई दिल्ली में एक विशेष समारोह में इन पुस्तकों के लेखकों को प्रदान किया जाएगा। पुरस्कार के रूप में तांबे की पट्टिका,  एक शॉल और एक लाख रूपया नकद भेट की जाएगी।