नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त, कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज आगामी आम बजट 2020-21 के संबंध में कृषि और कृषि प्रसंस्करण क्षेत्र के विभिन्न हितधारकों के साथ चौथा बजट पूर्व परामर्श आयोजित किया। बैठक के दौरान विचार-विमर्श के मुख्य क्षेत्रों में कृषि विपणन सुधार, जैविक और प्राकृतिक खेती, कृषि जिंस बाजार और वायदा व्यापार, कृषि उपज के लिए भंडारण बुनियादी ढांचा, पशुपालन, कृषि प्रसंस्करण उद्योग, और कृषि खाद्य सब्सिडी को कम करने के बारे में राय शामिल थी।
वित्त मंत्री के साथ इस बैठक में वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर, वित्त सचिव राजीव कुमार, आर्थिक मामलों के सचिव अतनु चक्रवर्ती, डीएआरई के सचिव तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक त्रिलोचन महापात्रा, पशुपालन और डेयरी विभाग के सचिव अतुल चतुर्वेदी, जल संसाधन विभाग के सचिव यूपी सिंह, मत्स्य पालन विभाग की सचिव रजनी सेखरी सिब्बल, कृषि और सहकारिता विभाग की विशेष सचिव वसुधा मिश्रा, सीबीडीटी के अध्यक्ष प्रमोद चन्द्र मोदी, सीबीआईसी के अध्यक्ष पी.के. दास, सीईआई, डॉ के.वी. सुब्रमण्यन और नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने भाग लिया।
बैठक के दौरान कृषि-प्रसंस्करण और ग्रामीण विकास क्षेत्रों के प्रतिनिधियों ने कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाने और किसानों तक बाजार पहुंच बढ़ाने के बारे में कई सुझाव दिए। हितधारकों से भी महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त हुए जिनमें विदेशों में भारतीय कृषि उत्पादों के ब्रांडों का निर्माण, प्रसंस्करण उद्योग को कृषि के बराबर ही लाभ और महत्व देना, कृषि प्रसंस्करण उद्योग के मूल्यह्रास लाभ में तेजी लाना, पीएमएफबीवाई को फिर से शुरू करना, कृषि पर्यावरण प्रणाली सेवाओं और बाजार खुफिया प्रणालियों के विकास को प्रोत्साहित करना, ई-एनएएम को आगे बढ़ाने, कृषि औषधीय वानिकी विकसित करना, मृदा स्वास्थ्य के लिए किसानों को वित्तीय प्रोत्साहन, खाद्य सुरक्षा अधिनियम का पुनरीक्षण, जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन, सब्सिडी का विस्तार करना हरी खाद, जैव-उर्वरक और जैव-कीटनाशकों के उत्पादकों को सब्सिडी उपलब्ध कराना और शहरी कचरे का उपयोग करके खाद के बड़े पैमाने पर उत्पादन को बढ़ावा देने के कदमों के बारे में विचार-विमर्श किया गया।
विभिन्न कृषि और ग्रामीण विकास क्षेत्र के प्रतिनिधियों में कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के बारे में सीआईआई राष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष पीरुज खंबट्टा, भारत राष्ट्रीय सहकारी संघ के मुख्य कार्यकारी एन सत्य नारायण, ए.बी. ग्राहक पंचायत अरुण देशपांडे, दक्षिण भारतीय गन्ना किसान संघ के कार्यकारी समिति सदस्य विपिनभाई पटेल, , भारत कृषक समाज के अध्यक्ष अजय वीर जाखड़, इफको निदेशक, रणनीति और संयुक्त उपक्रम मनीष गुप्ता, अखिल भारतीय मसाला निर्यातक मंच अध्यक्ष राजीव पालिचा, सार्वजनिक नीति के एसोसिएट प्रोफेसर अश्विनी छात्रे, भारतीय संघ किसान संघ के महासचिव बोजा दशरथ रामी रेड्डी, नेशनल रेनफेड एरिया अथॉरिटी के सीईओ अशोक कुमार दलवई और नाबार्ड के अध्यक्ष हर्ष कुमार भानवाला शामिल थे।