नई दिल्ली (PIB Delhi):राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संघ शासित प्रदेश लक्षद्वीप की पहली सरकारी यात्रा में आज सुबह लक्षद्वीप पहुंचे। कावारत्ती में राष्ट्रपति की अगवानी लक्षद्वीप के प्रशासक दिनेश्वर शर्मा ने अन्य लोगों के साथ की। राष्ट्रपति को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और कावारत्ती में परंपरागत तरीके से उनका स्वागत किया गया। राष्ट्रपति इसके बाद एक सार्वजनिक समारोह में शामिल हुए, जहां उन्होंने एक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की आधारशिला रखी।
उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि यह एक विशेष स्थान है, जहां अद्वितीय प्राकृतिक सौंदर्य है। हालांकि लक्षद्वीप के साफ नीले पानी में न केवल प्रकृति का जादू दिखाई देता है, बल्कि इसमें द्वीप में रहने वाले सभी लोगों के विवेक और पर्यावरण के प्रति उनकी चिंता और प्रेम की झलक दिखाई देती है। लक्षद्वीप में पानी के नीचे पर्यावरण प्रणाली, शानदार लैगून, मूंगे की चट्टानें, गर्म पानी और उसके लोग मंत्रमुग्ध कर देते हैं।
उन्होंने कहा कि यहां कुछ विशेष चुनौतियों के साथ रहना पड़ता है, जैसे- मुख्य भूमि और द्वीप के साथ संपर्क बरकरार रखना, मॉनसून के दौरान मौसम की कठिन स्थितियां आदि, लेकिन कोई भी स्थिति लक्षद्वीप को आगे बढ़ने और प्रगति करने से नहीं रोक पाई है। राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें यहां कावारत्ती में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की आधारशिला रखकर बेहद खुशी हुई है। उन्होंने कहा कि यह अस्पताल कावारत्ती में रहने वाले लोगों के साथ-साथ अन्य द्वीपों में रह रहे लोगों की स्वास्थ्य संबंधी अनेक समस्याओं का समाधान करेगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जब यह अस्पताल शुरू हो जाएगा और पूरी तरह काम करने लगेगा तो मरीजों को इलाज के लिए कोच्चि जाने की आवश्यकता कम पड़ेगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि बहुत से ऐसे मुद्दे हैं, जिनसे लक्षद्वीप के लोगों को लड़ना पड़ता है। उदाहरण के लिए जैसे लक्षद्वीप के सभी द्वीप बिजली के लिए पूरी तरह डीजल जनरेटरों पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि हमें डीजल से बनने वाली बिजली की निर्भरता को कम करने के तरीकों का पता लगाना चाहिए। हमें लक्षद्वीप में नवीकरणीय ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ाने के बारे में सोचना चाहिए, क्योंकि यहां प्रचुर मात्रा में सौर और पवन ऊर्जा उपलब्ध है। मैं समझता हूं कि लक्षद्वीप में पीने के पानी की कमी है। यह एक ऐसा अन्य क्षेत्र है, जिसके लिए नवोन्मेषी समाधान ढूंढ़ने और उसे अपनाने की आवश्यकता है। मुझे यकीन है कि लक्षद्वीप के लोग और संबद्ध अधिकारी इन सभी मुद्दों के समाधान के लिए मिलकर काम करेंगे।