सफाई सिर्फ़ सफाई...


अब जब कोविड 19 नाम का विषाणु, कोरोना नाम की बिमारी के नाम से पूरी दुनिया को अपनी गिरफ्त में ले चुका है. तब जो मेडिकल स्टाफ ,अधिकारी, डाक्टर्स तो जो कर रहे हैं, वे करेंगे ही.प्रधानमंत्री मोदी जी को धन्यवाद् दिया जाना चाहिए कि पहली एन.डी.ए.(1)की सरकार शुरू होते ही सफाई के प्रति जागरूकता अभियानस्वच्छ भारत अभियान चलाये.और एक कांशसनेस... जागरूकता.. अवेयरनेस.. का माहौल बना.. भारत में जब किसी को मंदिर, मस्जिद, या अन्य किसी नाम पर अवैध कब्जे करना हो तो लोग दूसरे की संम्पत्ति हड़पने में देर नहीं करते.लेकिन यदि सफाई का जिम्मा आ जाये तो नगर पालिका, गांव सभा, मुन्सिपलिटी को कोसते रहते हैं. जबकि यदि हर व्यक्ति या घर का मालिक ,किरायेदार,फैक्टरी मालिक अपने घर के चारों तरफ मात्र 10 फीट सफाई कर डाले तो जो सफाईकर्मियों की बचत होगी,वह अन्य जगह काम आयेगी.लेकिन दुर्भाग्य है कि आजादी के पहले दिन से सफाई, स्वास्थ्य, पानी की बचत,बिजली की बचत,या ऊर्जा का संचयन,वृक्षारोपण और मिल बांटकर रहने और खाने की संस्कृति का विकास नहीं हुआ. आज भी जबकि कोरोना का डर पूरी दुनिया पर है.हजारों टी.वी .चैनल पर बैठे ज्योतिष, धर्म गुरु ,काला धागा बांधवाकर हर समस्या का समाधान बताते फिर रहे हैं...हम सभी की जिम्मेदारी थी कि हम संविधान के मुताबिक बेहतरीन नागरिक बनाने का हर संभव प्रयास करते. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. पहले दिन से जाति पांति, झूठे पोंगा पंथ,अंधविश्वासों पर कसकर सरकारों की तरफ से  चोट नहीं किया गया. झूठे धर्म गुरूओं ने हमारी माताओं बहनों के शोषण के एक भी अवसर नहीं छोड़े.राम रहिमों की फौज खड़ी हो गयी.लेकिन सफाई, स्वास्थ्य, शिक्षा, ऊर्जा के प्रति सचेत लोगों की न तो इज्ज़त की गयी न ही प्रोत्साहन मिला. आज भी झाड़,फूंक ,जादू टोने के लाखों पोस्टर छपकर हर ट्वायलेट बाथरूम में चिपके पड़े रहते हैं. सरकारें ऐसे लोगों को रगड़ डालती तो ये उगते ही नहीं,और भोली भाली जनता का शोषण नहीं होता. यहाँ तो प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मंत्री भी लोकतंत्र में बाबा ,दाई का भाव बढ़ाते फिरते हैं. रहस्य के पिछे वैज्ञानिक कारण न देख झूठे पोंगापंथ को बढ़ावा देने में शामिल हो जाते हैं. हम सभी की और साथ में सरकारों की जिम्मेदारी है कि सफाई, सड़क पर गंदगी, अनावश्यक जगह-जगह थूक फेंक देना, और मन में यह ध्यान में न रखना कि जो गंदगी हम कर रहे हैं, उसे हमारे जैसा हाड़ मांस का इंसान उसे साफ करता है. हम सब यदि इतनी सी बात मन के किसी कोने में रख लेंगे तो समय-समय पर आने वाले कोविड 19 और कोरनाओं से लड़  भी लेंगे तथा मनुष्यता और मानवता दोनों की प्रगति में सहायक हो सकेंगे.


                                                 सुरेन्द्र कुशवाहा.