नई दिल्ली : कोविड महामारी से लड़ने के लिए एलिम्को ने अपनी सीएसआर पहल के तहत पीएम केयर्स फंड में 75 लाख रुपये का योगदान दिया है। इस योगदान राशि के चेक को आज नई दिल्ली में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत को सौंपा गया। सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, डीईपीडब्ल्यूडी सचिव, शकुंतला डी गामलिन और सीएमडी, एलिम्को डी आर सरीन भी इस मौके पर उपस्थित थे।
एलिम्को के प्रयासों की सराहना करते हुए, थावरचंद गहलोत ने कहा कि एलिम्को का उद्देश्य दिव्यांग व्यक्तियों को अधिकतम सीमा तक लाभ पहुंचाना है।साथ ही दिव्यांग व्यक्तियों के लिए पुनर्वास सहायता के साथ कृत्रिम अंग और अन्य पुनर्वास सहायता की उपलब्धता, उपयोग, आपूर्ति और वितरण को बढ़ावा देना, प्रोत्साहित करना और विकसित करना है।पिछले वर्ष भी एलिम्को ने महामारी के खिलाफ लड़ाई में मदद के लिए 55.18 लाख रुपये का योगदान दिया था और वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अपनी प्रतिबद्धता को जारी रखते हुए 75 लाख रुपये की राशि का योगदान दिया है। इससेअब कोरोना वायरस के खिलाफ लडाई मेंएलिम्को का पीएम केयर्सफंड में कुल योगदान 1.30 करोड़ रुपये हो गया है।
कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय (एमसीए) ने आपात स्थितियों में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता औरराहतकोष (पीएम केयर्स फंड) में सीएसआर गतिविधियों के लिए एक कोष के रूप में कंपनी अधिनियम, 2013 की अनुसूची VII में इसे शामिल किया था। एलिम्को के निदेशक मंडल ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 1.39 करोड़ रुपये के सीएसआर बजट को मंजूरी दी है, जिसमें यह निर्णय लिया गया है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के तहत पीएम केयर्स फंड के माध्यम से भारत में कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी के खिलाफ सामूहिक लड़ाई के लिए 75 लाख रुपये की राशि का योगदान दिया जाएगा।
भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को) मिनी रत्न श्रेणी II में अनुसूची 'सी' के तहत केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है, जो कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 8 (लाभ के उद्देश्य के लिए नहीं) के तहत पंजीकृत है। यह सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत कार्य करता है। यह भारत सरकार के100 प्रतिशत स्वामित्व वाला उपक्रम है।