सीपीसीबी ने एनसीआर के राज्यों के प्रदूषण बोर्ड और एजेंसियों से वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए तत्काल और प्रभावी कदम उठाने के लिए कहा

 





दिल्ली : केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) नियमित आधार पर दिल्ली-एनसीआर में वायु की गुणवत्ता और मौसम संबंधी परिदृश्य की समीक्षा करता रहा है। भारतीय मौसम विभाग से मिले अनुमान के मुताबिक, दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने के कारण वायु के निकास की स्थितियां के कमजोर होने का अनुमान है, जिस कारण आने वाले दिनों में एक्यूआई के बेहद खराब श्रेणी में पहुंचने की भविष्यवाणी की जाती है।

वायु की गुणवत्ता खराब होने और नए साल से संबंधित समारोहों के दौरान गतिविधियां बढ़ने की संभावनाओं को देखते हुए सीपीसीबी ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) और एनसीआर के राज्यों हरियाणा, उत्तर प्रदेश तथा राजस्थान के एसपीसीबी को निम्नलिखित बातें सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित करते हुए 23 दिंसबर 2020 को एक आदेश जारी किया था :

2 जनवरी, 2021 तक पूरे समय हॉट मिक्स संयंत्र और स्टोन क्रशर बंद रहेंगे।

 सड़कों की मशीन से सफाई बढ़ाई जाए और विशेष रूप से धूल की ज्यादा संभावना वाली सड़कों पर पानी का छिड़काव बढ़ाया जाए।

 यह सुनिश्चित करना होगा कि निर्माण स्थलों पर धूल कम करने के लिए दिशा-निर्देश/ मानक संचालन प्रक्रियाओं का सख्ती से पालन किया जाए। उल्लंघन की स्थिति में, उल्लंघन करने वालों के खिलाफ जुर्माना लगाने/ निर्माण गतिविधियों पर अस्थायी रूप से रोक जैसी सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

 एजेंसियों को माननीय न्यायालयों और राष्ट्रीय हरित अधिकरण के पटाखों की बिक्री और उनके इस्तेमाल पर प्रतिबंध से संबंधित आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए।

उत्कर्ष पंवार बनाम केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मामले में माननीय एनजीटी के 15 अक्टूबर, 2019 को जारी आदेश के तहत एनसीआर के सभी ईंट भट्टे पहले ही बंद कर दिए गए हैं।

सीपीसीबी जमीनी स्तर पर परिदृश्य के आकलन और दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के उपायों को लागू करना सुनिश्चित करने के लिए 15 अक्टूबर से दिल्ली-एनसीआर (मुख्य स्थानों यानी हॉटस्पॉट पर विशेष जोर के साथ) में क्षेत्रीय निरीक्षण के लिए 50 दलों को तैनात कर चुका है। ये दल दिल्ली-एनसीआर में ज्यादा प्रदूषित स्थानों और अन्य क्षेत्रों का भ्रमण करते रहे हैं तथा समीर ऐप पर इन्हें दर्ज किए जाने के साथ विभिन्न दिशानिर्देशों/ नियमों के उल्लंघन की सूचना देते रहे हैं।

डीपीसीसी, एनसीआर के राज्यों के एसपीसीबी और विभिन्न केन्द्रीय व राज्य एजेंसियों से तत्काल प्रभावीकदम उठाने का अनुरोध किया है, जिससे प्रदूषण को नियंत्रित करने में सहायता मिलेगी।